Mummy In Jaipur: जयपुर में रखी है 2400 साल पुरानी ममी! किसकी है ये डेड बॉडी और क्या है कहानी

Jaipur Albert Hall Museum Mummy: सबसे पहले ये बता दें कि जो तस्वीर सामने हैं ये असली तस्वीर नहीं है। ये प्रतीकात्मक है। 

बहरहाल राजस्थान और जयपुर की बात जब भी होती है तो सबसे पहले राजे-राजवाड़ों का ख्याल आता है। बड़े-बड़े महल, रंग-बिरंगे कपड़े, राजस्थानी गीत-संगीत, रेगिस्तान सहित और भी बहुत कुछ पर इन सबके बीच क्या आप ये जानते हैं कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक 'ममी' (मृतदेह) भी रखी हुई है। ये ममी भी कोई हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि 2400 साल पुरानी है। आमतौर पर ममी का जिक्र आते ही दिमाग में मिस्र (Egypt) घूमने लगता है। लेकिन जयपुर में ममी! थोड़ा चौंकाने वाला मामला तो है।

Mummy In Jaipur: जयपुर की ममी की कहानी (Jaipur Mumy Story)

संभव है कई लोगों को इस बारे में पता होगा लेकिन कई ऐसे भी है जिनके लिए जयपुर में 2400 पुरानी एक ममी की बात के बारे में जानकारी नहीं होगी। सवाल है कि आखिर ये ममी किसकी है। जयपुर की ये ममी किसी पुरुष की है या महिला की? 

क्या जयपुर की ये ममी किसी राजा-महाराजा की है, इसका जयपुर से क्या कनेक्शन है। अगर जयपुर से कनेक्शन नहीं है तो ये ममी जयपुर कैसे पहुंची।

इन सवालों पर बात करने से पहले ये बता देते हैं कि अभी हाल में ये ममी चर्चा में है। दरअसल, जयपुर में अगस्त के मध्य में (14, अगस्त 2020) को हुई काफी बारिश के बाद शहर में कई जगहों पानी भर गया। आलम ये रहा कि पानी जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के बेसमेंट में भी भर गया। यही नहीं पानी यहां रखे 4 फीट ऊंचे एक बक्से तक पहुंच गया। 

इसी बॉक्स में ममी को रखा गया था। पानी के पहुंचने के बाद ममी को होने वाले नुकसान को देखते हुए इस बॉक्स की कांच को तोड़ा गया। इसके बाद ममी को बाहर निकाला गया और समय रहते सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। 

हालांकि पहले भी इसे कई मौकों पर बॉक्स से निकाला जा चुका है। मसलन जब इसे बेसमेंट में शिफ्ट किया गया या फिर सुरक्षा की जांच के लिए इसे बाहर निकाला जाता रहा है। लेकिन ऐसी जल्दबाजी की परिस्थिति में इसे पहली बार बक्से के शीशे को तोड़ कर निकाला गया। इस ममी को निकालने में थोड़ी भी और देरी हो जाती तो एक पूरा इतिहास पानी में बर्बाद हो जाता।

Mummy In Jaipur: जयपुर में रखी हुई ममी किसकी है?

जयपुर में रखी ममी दरअसल किसी राजा-महाराजा की नहीं है। ये मिस्र की एक महिला की ममी (Egyptian Mummy) है। महिला का नाम तूतू बताया जाता है। ये महिला मिस्र के टौलोमाइक पीरियड (322 BC से 30 BC) के समय की है। महिला का संबंध प्राचीन मिस्र के राज्य पैनोपोलिस में अखमीन से है। महिला मिस्र के एक पुरोहित परिवार से ताल्लुक रखती थी जो खेम देव की उपासन करता था। 

अब सवाल उठता है कि अगर ये ममी मिस्र के किसी महिला की है तो फिर इसका शव या ममी भारत कैसे पहुंच गया। दरअसल, साल 1883 में इसे भारत लाया गया। भारत में तब अंग्रेज अपनी पकड़ बनाने लगे थे। इस ममी को सवाई माधो सिंह (द्वितीय) ने ब्रिटिश सरकार और अन्य राज्यों के सहयोग से इंडस्ट्रीयल आर्ट इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल म्यूज़ियम एग्जिबिशन आयोजित की थी। इसी प्रदर्शनी के लिए ये ममी मिस्र से लाई गई थी। 

ये वो दौर था जब ममी को खरीदने-बेचने का प्रचलन बढ़ने लगा था। उस समय कई धनवान और शौकिन लोग ममी खरीदते। साथ ही इसे लोगों के बीच भी ले आया जाता। यही नहीं, ममी दिखाकर पैसे कमाने का प्रचलन भी तब शुरू हो गया था। बहरहाल, जयपुर में जो ममी है, उसे कितने में खरीदा गया, इसकी बहुत सही जानकारी उपलब्ध नहीं है। 

कुछ जानकार इसे उपहार में मिली या किसी समझौते के तहत जयपुर लाए जाने की भी बात कहते हैं, हालांकि इन सबको लेकर पुख्ता जानकारी नहीं है। बहरहाल, आप जब भी जयपुर जाएं तो Albert Hall Museum में रखे इस ममी को जरूर देखें। पूरे म्यूजियम को भी आप करीब 1 से 2 घंटे में आराम से घूम सकते हैं।

Mummy In India: भारत में मिस्र की 6 ममी

जयपुर की ममी के अलावा भारत में 6 और ममी भी मौजूद हैं। ये कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई, लखनऊ, बडोदरा और गोवा में हैं। गोवा को छोड़ बाकी सभी ममी मिस्र से ही लाए गए हैं। इनकी समय-समय पर देखरेख भी मिस्र और अन्य देशों से आए विशेषज्ञों की राय के अनुसार की जाती है। जयपुर की ममी की देखभाल के लिए 1999 और 2010 में मिस्र से एक दल आया था। 

उस दौरान इस ममी के ऊपर तीन सुरक्षा लेयर में से दो को हटा कर एक्सरे किया गया था। साथ ही पूरी ममी की जांच की गई और रासायनिक मदद से इसकी सुरक्षा को और पुख्ता किया गया।

Mummy of Sangha Tenzin In Gue: भारत की एक खास ममी

भारत में ममी की बात हो रही है तो एक खास ममी का जिक्र जरूरी है। ये ममी एक बौद्ध लामा सांगा तेनजिन की बताई जाती है। ये ममी एक बैठी हुई अवस्था में है, जैसे कोई तपस्या या ध्यान में लीन हो। हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के पास गियू गांव की इस ममी को करीब 550 साल पुराना बताया जाता है। ये ममी 1975 में एक भूकंप के बाद मिली थी।

इस ममी को लेकर सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस शरीर पर कोई लेप नहीं लगा है। इसके बावजूद ये सुरक्षित है। ये खास बात ये भी है कि यहां साल के 6 से 8 महीने बर्फ रहता है। स्थानीय लोग तो ये भी कहते हैं कि इस ममी के बाल और नाखून अब भी बढ़ते हैं। साथ ही इस ममी में दांत भी हैं। वैसे ये दिलचस्प है कि बिना लेप के ये ममी कैसे सुरक्षित है। साथ ही ये दुनिया की एकमात्र ऐसी ममी है जो बैठी हुई अवस्था में है।

अब आखिर इस ममी का रहस्य क्या है? भूकंप के बाद कैसे ये ममी दुनिया के सामने आई। ये बौद्ध लामा कौन थे, जिनकी ये ममी है? इनकी मौत कैसे हुई और कैसे बिना किसी लेप ये सुरक्षित है? सवाल कई हैं। इसे लेकर कई शोध भी हुए हैं और अब भी हो रहे हैं। इस पूरी खास ममी की पूरी कहानी हम किसी अगले पोस्ट में लेकर आएंगे।

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